इस अदभूत स्त्रोत्र का पाठ करने से भर जाएगी तिजोरी

13, Oct 2023 6:07 PM

By:-Rutuja Birajdar

कनकधारा" का अर्थ होता है "स्वर्ण की धारा"।

कनकधारा स्तोत्र का महत्व: 

 इस स्तोत्र की रचना आदिगुरु शंकराचार्य जी ने की थी।

कनकधारा स्तोत्र से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके सोने की वर्षा कराई गई थी, इसका पाठ एक बार ही पर्याप्त हो सकता है,

दीपावली की रात्रि, विशेष रूप से वृषभ और सिंह लग्न में,कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है,

 श्री लक्ष्मी की कृपा :

 स्तोत्र को सिद्ध मंत्र माना जाता है, और यह धन संबंधित सभी समस्याओं का नाश कर सकता है।

दरिद्रता का नाश: 

माना जाता है की , कनकधारा स्तोत्र को सच्चे मन और श्रद्धा से नियमित रूप से पाठ करने से शीघ्र परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। 

धन सम्बंधित अवरोध : 

इसका पाठ धन संबंधित कठिनाइयों को दूर करने में सहायक हो सकता है, और माता लक्ष्मी धन सम्बंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।

 स्तोत्र के पठन में कोई विशेष विधि या प्रायश्चित्त निर्दिष्ट नहीं की गई है।

कनकधारा स्तोत्र की विशेषत:

 कनकधारा स्तोत्र का एक बार पाठ करना भी काफी होता है।

img credit : Pintrest

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